मगध साम्राज्य का इतिहास | magadha samrajya ka itihas
मगध साम्राज्य [Magadha empire]
मगध सबसे शक्तिशाली महाजनपद रहा हैमगध की वर्तमान स्थिति - पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार एवं पश्चिम बंगाल है।
मगध साम्राज्य का उत्कर्ष 6वीं शताब्दी ई०पू० माना जाता है
मगध साम्राज्य: 544BC – 185BC तक शासन में रहा हैं
मगध साम्राज्य पर शासन करने वाले वंश निम्न है।
- हर्यक वंश
- शिशुनाग वंश
- नंद वंश
- मौर्य वंश
बृहद्रथ का पुत्र- जरासंघ (राजधानी-गिरिवज)
मगध साम्राज्य का पहला उल्लेख 'अथर्ववेद' में मिलता है
हर्यक वंश [544BC - 492BC]
बिम्बिसार
हर्यक वंश का संस्थापक बिम्बिसार को माना गया है
बिम्बिसार के अन्य नाम:-
- श्रोणिक (जैन साहित्य में कहा गया)
- क्षेत्रोजश→(मत्स्य पुराण में कहा गया)
बिम्बिसार ने 'अंग' महाजनपद जीता और वहाँ अपने पुत्र 'अजातशत्रु' को उपराजा बनाया।
बिम्बिसार ने राज्य विस्तार के लिए विवाह सम्बन्धो का सहारा लिया था।
महाकोशला: (कोशल नरेश प्रसेनजीत की बहन)
काशी दहेज में (दहेज का पहला उदाहरण(
चेलना: चेटक की पुत्री (वज्जि)
क्षेमा: भद्र प्रदेश की राजकुमारी (पंजाब)
बिम्बिसार प्रारम्भ में बौद्ध धर्म का अनुयायी था परन्तु अपनी पत्नी 'चेलना' के कहने पर जैनधर्म' को अपना लिया।
राजधानी: राजगृह को बनाया गया
बिम्बिसार ने अपने ज्येष्ठ पुत्र 'दर्शक' को उत्तराधिकारी बनाया
परन्तु अजातशत्रु ने अपने पिता बिम्बिसार की हत्या करके गद्दी पर बैठा , पिता की हत्या करने के कारण अप्पातशत्रु को पितृहंता कहा गया।
प्रथम पितृहंता कहलाया
अप्पातशत्रु की भी इसके पुत्र उदयन द्वारा हत्या कर दी गयी।
इस प्रकार से 'हर्यक वंश' को पितृहंता वंश भी कहा गया।
अजातशत्रु [492BC - 460BC]
अन्य नाम : कुणिक (पितृहेता)माता : महाकोशला
प्रथम बौद्ध संगीति- 483BC सप्तपर्ण (राजगृह) महाकश्यप (अध्यक्ष)
काशी के लिए प्रसेनजीत से संघर्ष हुआ एवं विजयी हुआ, और प्रसेनजीत की पुत्री वाजिरा से विवाह कर लिया।
अजातशत्रु जैन धर्म का अनुयायी था।
महावीर स्वामी व महात्मा बुद्ध की मृत्यु इसी के शासनकाल में हुई।
राजधानी - राजगृह की चारदीवारी का निर्माण किया।
वज्जि को मगध में वस्सकार की सहायता से मिलाया
रथ मूसल और शिलाकंटक का प्रयोग किया।
अजातशत्रु ने सबसे पहले पाटलिपुत्र के राजनीतिक महत्व को समझा है।
अपने पिता अजातशत्रु की हत्या करने के कारण द्वितीय पितृहन्ता कहलाया।
पाटलिपुत्र नगर की स्थापना की (गंगा, गण्डक व सोन नदी पर) जो कुसुमपुरा के नाम से भी जाना जाता है। उदायिन के 3 पुत्र थे, जिन्होंने क्रम से शासन किया।
रथ मूसल और शिलाकंटक का प्रयोग किया।
अजातशत्रु ने सबसे पहले पाटलिपुत्र के राजनीतिक महत्व को समझा है।
उदायिन [460BC-444BC]
इसने राजधानी पाटलिपुत्र बनाईअपने पिता अजातशत्रु की हत्या करने के कारण द्वितीय पितृहन्ता कहलाया।
पाटलिपुत्र नगर की स्थापना की (गंगा, गण्डक व सोन नदी पर) जो कुसुमपुरा के नाम से भी जाना जाता है। उदायिन के 3 पुत्र थे, जिन्होंने क्रम से शासन किया।
- अनिरूद्ध
- मुंडा
- नागदशक
शिशुनाग वंश [412BC -394BC]
संस्थापक- शिशुनाग (412BC-394BC)
राजधानी - वैशाली
शिशुनाग ने 'अवन्ति' को जीता (प्रद्योत को पराजित कर)
कालाशोक (394 BC-366 BC)
द्वितीय बौद्ध संगीति- 383BC वैशाली मे साबकमीर (अध्यक्ष) द्वारा बनाई गई, कालाशोक ने पुन: पाटलिपुत्त को अपनी राजधानी बनायी।
इसके दस पुत्रों में एक नंदिवर्धन अंतिम शासक हुआ नंदिवर्धन की हत्या महापद्मनंद ने 'छुरा भोंक कर' कर दी।
महापद्मनंद ने नये वंश "नंदवंश की स्थापना की ।
कालाशोक का अन्य नाम : काकवर्ण हैं।
Read more:- vedic civilizatiin
अन्यनाम:-
इसके दस पुत्रों में एक नंदिवर्धन अंतिम शासक हुआ नंदिवर्धन की हत्या महापद्मनंद ने 'छुरा भोंक कर' कर दी।
महापद्मनंद ने नये वंश "नंदवंश की स्थापना की ।
कालाशोक का अन्य नाम : काकवर्ण हैं।
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नन्द वंश [344 BC - 323BC]
संस्थापक - महापद्मनंदअन्यनाम:-
- एकराट
- उग्रसेन
- सर्वश्रांतक
- भार्गव
- परशुराम का 2nd अवतार
धनानंद
इसे अग्तमीज नाम से भी जाना जाता है, सिकन्दर का आकमण (326BC) इसी के शासनकाल में हुआ। • वररुचि विद्वानकात्यायन विद्वान
तीन ग्रन्थो को मुनित्रय कहते है।
- महाभाष्य - पतंजलि
- वर्तिका - कात्यायन -
- अष्टाध्यायी - पाणिनी
Conclusion
FAQ
Q. मगध पर किसका राज था?
Ans. बिम्बिसार को मगध साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। बिम्बिसार ने गिरिव्रज (राजगीर) को अपनी राजधानी बनाया है।
Q. मगध में कितने वंश थे?
Ans. मगध के प्रमुख वंश
- हर्यक वंश
- शिशुनाग वंश
- नंद वंश
- मौर्य वंश
Q. मगध के संस्थापक कौन थे?
Ans. मगध के संस्थापक बिम्बिसार को माना गया है।
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