खिलजी वंश (1290 - 1320 ) | khilaji vansh (1290-1320) ka itihas


खिलजी वंश (1290 - 1320 )

संस्थापक:- जलालुद्दीन खिलजी

उपाधि:- शाइस्ताखाँ, आरिज- ए - मुमालिक ( कैकुवाद ने दीथी ) 

 सल्तनत काल का सबसे बुजुर्ग शासक (70 year)थे

khilaji vansh (1290-1320) ka itihas




इसके दो बेटे थे-

 (१.)इब्राहिमखान-ए-खाना (२.)अर्फलीखाँ 

👉 कडा की जागीर अलाउद्दीन खिलजी (भतीजे) को देदी जलालुद्दीन खिलजी के दरबारी:— अमीर खुसरो और हसन देहलवी 

NOTE:-अमीर घुसरो ने जलालुद्दीन को भाग्यवादी व्यक्ति कहा है

👉 अमीरखुसरो ने 8 सुल्तानो का दरबार देखा था।

अमीर खुसरो:-पुस्तक तुगलकनामा 


अमीर खुसरो (तोता -ए-हिन्द) 

जन्म - 1253 ई. - पटियाली (UP)

 मृत्यु - 1325 ई.

कव्वाली, गजल, पहेली, सितार, तबला के जनक है।

खड़ी बोली हिन्दवी का प्रयोग किया गया

इनके गुरु निजामुद्दीन औलिया ने सात सुल्तानो का दरबार देखा

सन् 1296 →जलालुद्दीन की हत्या अलाउद्दीन ने करवाई (देवगिरि अभियान से आने के बाद) 

देवगिरि के शासक रामचन्द्र देव थे। 


अलाउद्दीन खिलजी (1296 - 1316)

बचपन का नाम - अली गुर्शास्प

अन्य नाम:- दितीय सिकन्दर, सिकन्दर-ए- सानी, जनता का चरवाहा, युग का विजेता , अमीर उल मोमदिन

राज्याभिषेक - लालमहल (दिल्ली) में हुआ था

अलाउद्दीन खिलजी के विजय अभियान

4 सेनापति = (1) उलूगखाँ - उत्तर भारत पर विजय (2) जफर खाँ = मंगोलविजय (3) नुसरत खाँ = उ० भारत का विजय (4.) मलिक काफूर = दक्षिण विजय

उत्तर भारत पर विजय (Victary over north india)

(1) गुजरात विजय अभियान (1297-98

→ राजा कर्णदेव को हराया और उनकी पत्नी (कमलादेवी) से शादी की।

> यहीं से ही मलिक काफूर (हजारदीनारी) को खरीदा 

(2.) रणथम्भौर का अभियान = 1301

→ हम्मीर चौहान = (पत्नी- रंगदेवी) ने जौहर कर लिया। रणमल नाम के सेनापति ने धोखा दिया।

(3) चित्तौड़गढ़ का अभियान – 1303

 राणा रतन सिंह,पत्नी नागमती , दूसरी पत्नी - पद्‌मिनी जौहर किया था,  इनके ऊपर लिखी गई पुस्तक = पद्मावत (जायसी द्वारा रचित) 1540 में

★ दो सेनापति-गोरा और बादल


(4) मालवा का अभियान = 1305

 महलकदेव हार गये 

👉दक्षिण भारत पर विजय का श्रये मलिक काफूर को जाता हैं।

दक्षिण विजय का पहला अभियान - देवगिरि (महाराष्ट्र) में रामचंद्र देव ने सन् 1296 मे स्वयम् ने किया।

दूसरा अभियान वारंगल (तेलंगाना) में प्रताप रुद्र देव द्वारा सन्, 1309 मे किया गया, कोहिनूर अलाउद्दीन को दिया गया 

तीसरा अभियान- होयसल (द्वारसमुद्र) में वीरबल्लाल के द्वारा 1310 मे किया गया

४ अभियान - पांड्य- सुंदर और वीर पांड्य के द्वारा सन् 1311 मे किया गया था।

अलाउद्दीन के कार्य:-

(१.) बाजार नियंत्रण प्रणाली

(२.) इक्ता प्रथा खत्म करके सैनिकों को नकद वेतन दिया।

(३.) हुलिया लिखवाना

(४.) घोड़े दागने की प्रथा

(५.) भू-राजस्व=(50%-1/2) स्वराज कर 

(६.) खुम्स कर =(लूट) -4/5 कर दिया

(७.) दान की भूमि को खालसा कहा गया।

अन्य विभाग:-

(१.) दीवान- ए- विजारत ~ वित्त विभाग

(२.) दीवान- ए- आरिज ~ सैन्य विभाग

(३.) दीवान- ए- रसालत ~ विदेश विभाग

(४.) दीवान- ए- रियासत ~ बाजार नियंत्रण- माप तोल के अधिकारी को नाजीर कहा गया हैं।

              Read more:- मराठा साम्राज्य का इतिहास

Conclusion

इस अध्याय मे हमने historygyan blog के माध्यम से आपको खिलजी वंशीय इतिहास को बहुत ही आसान भाषा में व्यक्त किया है, यदि यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप हमारे blog को फॉलो कर सकते हो, और कोई भी समस्या हो तो comment करके अधिक जानकारी ले

FAQ

Q. खिलजी वंश का सबसे महान शासक कौन था?

Ans. अलाउद्दीन खिलजी (1296 - 1316)

Q. अलाउद्दीन खिलजी का बचपन का नाम क्या है? 

Ans. अली गुर्शास्प

Q. तोता -ए-हिन्द के नाम से किसको जाना जाता है? 

Ans. अमीर खुसरो

s

No comments

Do leave your comments

Theme images by Xaviarnau. Powered by Blogger.