मराठा साम्राज्य का इतिहास NCERT | maratha samrajya ka itihaas NCERT
मराठा साम्राज्य का उदय
भारत मे मराठा साम्राज्य एक हिंदू साम्राज्य था जिसने 17वीं- 19वीं शताब्दी तक भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश हिस्से पर इन्होंने शासन किया।
मराठा साम्राज्य की स्थापना शिवाजी महाराज ने की थी, जिन्होंने 1660 के दशक में मुगल साम्राज्य के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था। शिवाजी की मृत्यु के बाद, उनके उत्तराधिकारियों ने साम्राज्य का विस्तार करना जारी रखा और 18वीं शताब्दी की शुरुआत तक, मराठा भारत में प्रमुख शासक रहे है
मराठा साम्राज्य का इतिहास NCERT
- मराठा साम्राज्य एक विकेन्द्रीकृत राज्य था, जिसमें सत्ता छत्रपति (सम्राट) और पेशवा (प्रधान मंत्री) के बीच विभाजित थी। पेशवा सिंहासन के पीछे की वास्तविक शक्ति था, और वह साम्राज्य के दिन-प्रतिदिन के प्रशासन के लिए जिम्मेदार था।
मराठा साम्राज्य का इतिहास NCERT
- मराठा सेना भारत में सबसे शक्तिशाली सेनाओं में से एक थी, और इसका नेतृत्व सरदारों के नाम से जाने जाने वाले योद्धा-रईसों के एक वर्ग द्वारा किया जाता था। मराठा कुशल घुड़सवार और धनुर्धर थे, और वे अपनी गुरिल्ला युद्ध रणनीति के लिए जाने जाते थे।
मराठा साम्राज्य का इतिहास NCERT
- मराठा साम्राज्य 18वीं सदी की शुरुआत में अपने चरम पर पहुंच गया था, लेकिन 1740 में पेशवा बाजीराव प्रथम की मृत्यु के बाद इसका पतन शुरू हो गया। 18वीं सदी के अंत और शुरुआत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ युद्धों की एक श्रृंखला से साम्राज्य और कमजोर हो गया था। 19वीं शताब्दी.
मराठा साम्राज्य का इतिहास NCERT
- मराठा साम्राज्य अंततः 1818 में समाप्त हो गया, जब अंग्रेजों ने तीसरे आंग्ल-मराठा युद्ध में मराठों को हरा दिया। साम्राज्य को तब कई ब्रिटिश संरक्षकों में विभाजित किया गया था।
मराठा साम्राज्य का इतिहास NCERT
- मराठा साम्राज्य का भारतीय इतिहास पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। मराठों ने पूरे भारत में हिंदू संस्कृति और प्रभाव को फैलाने में मदद की और उन्होंने मुगल साम्राज्य के पतन में भी भूमिका निभाई। मराठों ने अपनी सैन्य और प्रशासनिक प्रणालियों के रूप में एक स्थायी विरासत भी छोड़ी, जिसे ब्रिटिश और अन्य भारतीय शासकों ने अपनाया।
मराठा साम्राज्य के इतिहास की कुछ प्रमुख घटनाएँ इस प्रकार हैं:
1674: शिवाजी महाराज को मराठा साम्राज्य के छत्रपति की उपाधि व ताज पहनाया गया।
1680: शिवाजी महाराज की मृत्यु हो गई।
1720-1761: मराठा साम्राज्य ने अपने क्षेत्र का विस्तार किया था।
पानीपत का तीसरा युद्ध(1761) :-
अहमद शाह अब्दाली और मराठा सेनापति सदाशिव राव भाऊ के बीच 14 जनवरी 1761 को वर्तमान पानीपत के मैदान मे हुआ जो वर्तमान समय में हरियाणा में है। इस युद्ध में गार्दी सेना प्रमुख इब्राहीम ख़ाँ गार्दी ने मराठों का साथ दिया।
1775-1818: मराठों ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ कई युद्ध लड़े।
तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध-1818
Conclusion
1775-1818: मराठों ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ कई युद्ध लड़े।
तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध-1818
ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी और मराठा साम्राज्य के बीच सम्पन्न निर्णायक अन्तिम युद्ध था। इस युद्ध मे मराठा की तरफ से पेशवा बाजीराव-II नेतृत्व कर रहे थे, परंतु उनकी अंग्रेजों के सामने न चल पाई और तीसरे आंग्ल-मराठा युद्ध में मराठा साम्राज्य अंग्रेजों से हार गया।
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मराठा साम्राज्य का इतिहास NCERT
मराठा साम्राज्य एक शक्तिशाली और प्रभावशाली प्रांत था जिसने भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साम्राज्य की विरासत को आज भी उसकी सैन्य और प्रशासनिक प्रणालियों के साथ-साथ उसके सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव के रूप में देखा जा सकता है।Conclusion
इस अध्याय में हमने आप सभी के लिए मराठा साम्राज्य की पूरी detail अच्छी तरह से समझाया है यदि आप को कोई भी समस्या हो तो आप हमें comment कर सकते हो
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