दिल्ली सल्तनत | delhi saltnat hindi notes


दिल्ली सल्तनत

दिल्ली सल्तनत विभिन्न मुस्लिम राजवंशों को संदर्भित करता है जिन्होंने 13वीं से 16वीं शताब्दी तक भारतीय उपमहाद्वीप में दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों पर शासन किया था। 
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दिल्ली सल्तनत की स्थापना:-
दिल्ली सल्तनत की स्थापना मुहम्मद गौरी के पूर्व दास कुतुब-उद-दीन ऐबक ने उसकी मृत्यु के बाद 1206 ईस्वी में की थी।

यहाँ दिल्ली सल्तनत और उसके प्रमुख राजवंशों का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:


1.मामलुक राजवंश (1206-1290):- यह दिल्ली सल्तनत का पहला राजवंश था, और कुतुब-उद-दीन ऐबक इसके संस्थापक थे। वह अपने गुलाम-दामाद, इल्तुतमिश द्वारा सफल हुआ, जिसने सल्तनत के क्षेत्रों को विस्तारित किया।

2.खलजी वंश (1290-1320):- जलाल-उद-दीन खलजी ने अंतिम मामलुक शासक को उखाड़ फेंका और खलजी वंश की स्थापना की। 
इस वंश का सबसे प्रमुख शासक अलाउद्दीन खलजी था, जिसने विभिन्न आर्थिक और प्रशासनिक सुधारों को लागू किया और मंगोल आक्रमणों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया।

3.तुगलक वंश (1320-1414):- इस वंश की स्थापना गयासुद्दीन तुगलक ने की थी। मुहम्मद बिन तुगलक, अपनी महत्वाकांक्षी लेकिन असफल योजनाओं के लिए जाना जाता है, जिसमें राजधानी को दिल्ली से दौलताबाद स्थानांतरित करना शामिल है, इस वंश के उल्लेखनीय शासकों में से एक था।


4.सैय्यद राजवंश (1414-1451):- तुगलक के अधीन एक पूर्व गवर्नर खिज्र खान ने सैय्यद वंश की स्थापना की। इस राजवंश को तैमूरी आक्रमणों और केंद्रीय सत्ता में गिरावट से चुनौतियों का सामना करना पड़ा।


5.लोदी वंश (1451-1526):- बहलोल खान लोदी ने लोदी वंश की स्थापना की। सिकंदर लोदी, प्रमुख शासकों में से एक, ने प्रशासनिक और कृषि सुधार किए और कला और संस्कृति को संरक्षण दिया।

Delhi saltnat abhiyan


👉दिल्ली सल्तनत को अपने अस्तित्व के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें मंगोल आक्रमण, क्षेत्रीय विद्रोह और नई शक्तियों का उदय शामिल है। 

👉 इसकी गिरावट 1398 में तैमूर (तामेरलेन) के आक्रमण के साथ शुरू हुई, जिसने केंद्रीय सत्ता को कमजोर कर दिया, जिससे क्षेत्रीय राज्यों का उदय हुआ।


👉दिल्ली सल्तनत ने मध्ययुगीन भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

👉इसने इस्लामी और स्वदेशी भारतीय संस्कृतियों के संलयन को देखा, जिसके परिणामस्वरूप एक अद्वितीय इंडो-इस्लामिक स्थापत्य शैली का विकास हुआ, जिसका उदाहरण दिल्ली में कुतुब मीनार और जामा मस्जिद जैसी संरचनाओं से मिलता है।

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👉यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि दिल्ली सल्तनत एक ऐतिहासिक काल है, और यह दिल्ली के वर्तमान शासन या प्रशासन का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, जो कि भारत की राजधानी है।
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Conclusion

इस अध्याय में हमने आप सभी के लिए दिल्ली सल्तनत की पूरी detail अच्छी तरह से समझाया है यदि आप को कोई भी समस्या हो तो आप हमें comment कर सकते हो

FAQ. 

Q. दिल्ली सल्तनत के असली संस्थापक कौन है?

Ans. इल्तुतमिश गुलाम वंश का एक अन्य प्रमुख शासक हुआ था। इसे दिल्ली सल्तनत का वास्तविक संस्थापक कहा जाता है।

Q. दिल्ली सल्तनत में कितने वंश है?

Ans. ये पाँच वंश थे- गुलाम वंश (1206 - 1290), ख़िलजी वंश (1290- 1320), तुग़लक़ वंश (1320 - 1414), सैयद वंश (1414 - 1451), तथा लोदी वंश (1451 - 1526)।

Q. दिल्ली सल्तनत की एकमात्र स्त्री कौन थी?

Ans. भारत की पहली महिला रजिया सुल्तान ही दिल्ली सल्तनत की पहली स्त्री है

Q. दिल्ली सल्तनत में सबसे लंबा वंश कौन सा है?

Ans.  लंबी अवधि-तुगलक वंश
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